Deen Dayal Upadhyay Grameen Kaushalya Yojana : नौकरी की गारंटी और फ्री ट्रेनिंग के साथ पैसा भी मिलेगा

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY)

पृष्ठभूमि और उद्देश्य: दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। यह योजना ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती है और उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार करने का अवसर देती है। यह योजना भारत के ग्रामीण विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, क्योंकि इसके तहत बेरोजगारी को कम करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

योजना के प्रमुख लक्ष्य:

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  1. रोजगार अवसर: DDU-GKY का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार प्रदान करना है।
  2. आत्मनिर्भरता: योजना का लक्ष्य ग्रामीण युवाओं को ऐसे कौशल प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
  3. सशक्तिकरण: युवाओं को उनके जीवन में नए आयाम जोड़ने और उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

योजना की कार्यप्रणाली:

  • कौशल प्रशिक्षण: DDU-GKY के तहत ग्रामीण युवाओं को विभिन्न व्यापारों में प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण को बाजार की मांग के आधार पर डिजाइन किया गया है, ताकि प्रशिक्षित युवा रोजगार पा सकें।
  • वित्तीय सहायता: इस योजना के तहत विभिन्न स्किलिंग परियोजनाओं को वित्तीय सहायता दी जाती है, जो 25,696 रूपए से लेकर 1 लाख रूपए प्रति व्यक्ति तक हो सकती है। यह सहायता परियोजना की अवधि और उसके आवासीय या गैर आवासीय होने पर निर्भर करती है।
  • प्रशिक्षण अवधि: योजना के तहत प्रशिक्षण की अवधि 576 घंटे (लगभग 3 महीने) से लेकर 2,304 घंटे (लगभग 12 महीने) तक हो सकती है।
  • प्रशिक्षण के क्षेत्र: DDU-GKY के तहत 250 से अधिक व्यापार क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जैसे खुदरा, आतिथ्य, स्वास्थ्य, निर्माण, मोटर वाहन, चमड़ा, विद्युत, पाइपलाइन, रत्न और आभूषण आदि।

योजना के लाभ:

  1. रोजगार: 75% प्रशिक्षुओं की नियुक्ति की शर्त के साथ, यह योजना रोजगार के नए अवसर प्रदान करती है।
  2. गरीबी उन्मूलन: यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इसके तहत 550 लाख से अधिक गरीब ग्रामीण युवाओं को स्थायी रोजगार का अवसर मिलेगा।
  3. स्थायी विकास: यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक मजबूत कदम है।

कहां लागू है योजना? यह योजना भारत के 33 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 610 जिलों में लागू की जा रही है। योजना के तहत 202 से अधिक पीआईए (प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटिंग एजेंसी) के साथ साझेदारी की गई है।

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योजना का महत्व:

  • गरीबी उन्मूलन: DDU-GKY का प्रमुख उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उनके जीवन स्तर को सुधारना है। इस योजना के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे गरीबी कम हो सकेगी।
  • प्रधानमंत्री के अभियान ‘मेक इन इंडिया’ का समर्थन: इस योजना को प्रधानमंत्री के अभियान ‘मेक इन इंडिया’ के तहत एक महत्वपूर्ण योगदान माना जा सकता है, क्योंकि यह योजना ग्रामीण स्तर पर उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा देती है।

निष्कर्ष: दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना है। यह योजना भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी रोजगार, सशक्तिकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगी। इसके तहत प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार मिलने से ना केवल उनकी जिंदगी बदल जाएगी, बल्कि देश की समग्र आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) का उद्देश्य और पात्रता

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योजना का उद्देश्य (Objectives of DDU-GKY)

  1. कौशल विकास (Skill Development):
    • योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को उनके व्यक्तिगत रुचियों और क्षमताओं के आधार पर उच्च गुणवत्ता का कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को ऐसे कौशल सिखाए जाते हैं, जो उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ने में मदद करते हैं।
  2. रोजगार (Employment):
    • योजना का दूसरा उद्देश्य यह है कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवाओं को देश और विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। इससे युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा और उनका आर्थिक विकास संभव होगा।
  3. आर्थिक विकास (Economic Growth):
    • यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने और आय में वृद्धि करके समग्र ग्रामीण विकास को बढ़ावा देती है। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति में सुधार और समृद्धि लाना है।
  4. समाज में समानता (Inclusion):
    • योजना में महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं को प्राथमिकता दी जाती है। यह योजना समाज में समानता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सभी वर्गों के युवाओं को बराबरी के अवसर मिलें।

पात्रता (Eligibility Criteria)

  1. आयु सीमा (Age Limit):
    • इस योजना के तहत 15 से 35 वर्ष तक के युवा पात्र हैं। विशेष वर्गों (जैसे महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति) के लिए आयु सीमा में छूट भी दी जाती है।
  2. ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित होना (Residency in Rural Area):
    • आवेदन करने वाले युवाओं का ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होना आवश्यक है। योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
  3. आर्थिक रूप से कमजोर (Economically Weaker Sections):
    • योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों के युवाओं या ऐसे युवाओं को सहायता देना है जिनके परिवारों के पास आय का सीमित स्रोत है।
  4. आधार कार्ड और बैंक खाता (Aadhar Card and Bank Account):
    • इस योजना के लिए आवेदक का आधार कार्ड और बैंक खाता होना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि आवेदक का सही तरीके से पंजीकरण और वित्तीय लाभ मिल सके।

निष्कर्ष: दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ना है। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुधार और सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलेगा। पात्रता के तहत आर्थिक रूप से कमजोर, युवा और ग्रामीण क्षेत्र के निवासी इसका लाभ उठा सकते हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं और अपने जीवन स्तर को ऊंचा कर सकते हैं।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) में मिलने वाला प्रशिक्षण (Training Provided)

योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह प्रशिक्षण उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाता है और उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए तैयार करता है। कुछ प्रमुख प्रशिक्षण क्षेत्र निम्नलिखित हैं:

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  1. आईटी और सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट (IT and Software Development):
    • इस क्षेत्र में युवाओं को सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट, वेब डिजाइनिंग, ऐप डवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स, और अन्य संबंधित कौशल सिखाए जाते हैं। यह क्षेत्र तकनीकी और डिजिटल दुनिया में रोजगार के अवसर प्रदान करता है।
  2. इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर (Electronics and Hardware):
    • इस प्रशिक्षण के अंतर्गत युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि सर्किट डिजाइन, मरम्मत, और इंस्टॉलेशन, सिखाया जाता है। यह क्षेत्र तेजी से बढ़ते उद्योगों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  3. ब्यूटी और वेलनेस (Beauty and Wellness):
    • इस प्रशिक्षण में ब्यूटीशियन, हेयर स्टाइलिंग, मेकअप, स्पा थेरेपी, और अन्य वेलनेस संबंधित कौशल सिखाए जाते हैं। इस क्षेत्र में युवा खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं या काम कर सकते हैं।
  4. हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म (Hospitality and Tourism):
    • यह क्षेत्र होटल प्रबंधन, टूर गाइडिंग, इवेंट मैनेजमेंट, और कैटरिंग जैसे कौशलों का प्रशिक्षण देता है। यह प्रशिक्षण उन युवाओं के लिए उपयुक्त है जो होटल और पर्यटन उद्योग में करियर बनाने का इच्छुक हैं।
  5. रिटेल और लॉजिस्टिक्स (Retail and Logistics):
    • इस क्षेत्र में युवाओं को खुदरा व्यापार (Retail) और माल परिवहन (Logistics) से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है। यह युवा इस क्षेत्र में रोजगार पा सकते हैं और व्यवसाय में कौशल प्राप्त कर सकते हैं।
  6. कृषि और खाद्य प्रसंस्करण (Agriculture and Food Processing):
    • इस प्रशिक्षण में किसानों को कृषि प्रौद्योगिकी, फसल प्रबंधन, खाद्य प्रसंस्करण, और गुणवत्ता नियंत्रण जैसी महत्वपूर्ण क्षमताओं के बारे में सिखाया जाता है। यह प्रशिक्षण ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है।

प्रशिक्षण के दौरान, युवाओं को निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित किया जाता है:

  • आधुनिक तकनीकों और उन्नत उपकरणों का उपयोग: युवाओं को नई तकनीकों, उपकरणों और प्रक्रियाओं का उपयोग करना सिखाया जाता है ताकि वे अपने कौशल को उद्योग की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार अपडेट कर सकें।
  • Soft Skills और Communication Skills: युवाओं की व्यक्तिगत और पेशेवर सफलता के लिए उनके संचार कौशल, टीम वर्क, नेतृत्व और अन्य मुलायम कौशलों पर भी ध्यान दिया जाता है।

Sarkari Yojana की विशेषताएं (Key Features of DDU-GKY)

  1. मुफ्त प्रशिक्षण (Free Training):
    • यह योजना पूरी तरह से मुफ्त है, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के युवा इसका लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत, युवाओं को उनके कौशल विकास के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।
  2. स्टाइपेंड (Stipend):
    • प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को एक स्टाइपेंड (वेतन) दिया जाता है, जिससे उन्हें प्रशिक्षण अवधि में आर्थिक सहायता मिलती है। यह उन्हें अपनी यात्रा और अन्य खर्चों को कवर करने में मदद करता है।
  3. प्लेसमेंट (Placement Guarantee):
    • इस योजना के तहत, प्रशिक्षण के बाद युवाओं को उद्योग जगत में रोजगार प्राप्त करने की गारंटी दी जाती है। प्रशिक्षुओं की 75% से अधिक नियुक्ति सुनिश्चित की जाती है।
  4. सर्टिफिकेशन (Certification):
    • प्रशिक्षण समाप्त करने पर, युवाओं को मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र दिए जाते हैं, जो उनके कौशल और प्रशिक्षण की पुष्टि करते हैं और रोजगार के अवसरों में मदद करते हैं।
  5. इंडस्ट्री से जुड़ाव (Industry Linkages):
    • यह योजना उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित करती है, ताकि वे उद्योग में सीधे काम करने के लिए तैयार हो सकें। इस योजना में उद्योगों के साथ साझेदारी की जाती है, जिससे युवाओं को बेहतर नौकरी के अवसर मिलते हैं।

My Scheme : चुनौतियां व समाधान (Challenges and Solutions)

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  1. जागरूकता की कमी (Lack of Awareness):
    • कई युवा योजना के बारे में नहीं जानते हैं और इस कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पाते।
    • समाधान: इस समस्या को दूर करने के लिए, स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों का उपयोग करके इस योजना के बारे में अधिक से अधिक युवाओं को जानकारी दी जा रही है।
  2. प्रशिक्षण की गुणवत्ता (Quality of Training):
    • कुछ केंद्रों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता में कमी पाई जाती है, जिससे युवाओं को अच्छा प्रशिक्षण नहीं मिल पाता।
    • समाधान: इस समस्या को हल करने के लिए, नियमित मॉनिटरिंग और निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
  3. प्लेसमेंट (Placement Issues):
    • सभी युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार नहीं मिल पाता है, जिससे उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो पाता।
    • समाधान: उद्योगों के साथ साझेदारी को मजबूत किया गया है, जिससे युवाओं को उनके कौशल और प्रशिक्षण के अनुसार बेहतर नौकरी के अवसर मिल सकें।

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