मध्य प्रदेश: कर्मचारियों को नए साल से पहले नहीं मिली एरियर की पहली किश्त
कर्मचारियों की परेशानी
भोपाल के साढ़े 7 लाख सरकारी कर्मचारी नए साल से पहले आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। दिसंबर में मिलने वाली एरियर की पहली किश्त अब तक उनके खातों में नहीं आई है। सरकार ने महंगाई भत्ता तो बढ़ा दिया, लेकिन एरियर भुगतान में देरी ने कर्मचारियों को निराश कर दिया है।
त्योहारी खर्च और बच्चों की शिक्षा के लिए इस राशि का इंतजार कर रहे कर्मचारियों का उत्साह कम हो गया है।
क्या है पूरा मामला?
- महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी:
- 28 अक्टूबर 2024 को राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता 4% बढ़ाकर 50% किया।
- एरियर का वादा:
- जनवरी 2024 से सितंबर 2024 तक का एरियर चार किश्तों में देने की घोषणा हुई थी।
- पहली किश्त दिसंबर में देने का वादा किया गया था, जो अब तक नहीं मिला।
तकनीकी और प्रशासनिक दिक्कतें
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने बताया:
- कोषालय की वेबसाइट में तकनीकी समस्याएं हैं।
- एरियर के लिए आवेदन भी कर्मचारी नहीं कर पा रहे हैं।
- विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने पर भी कोई समाधान नहीं मिल रहा है।
कर्मचारियों को कितना नुकसान?
एरियर न मिलने से कर्मचारियों को विभिन्न स्तरों पर आर्थिक नुकसान हुआ है:
कर्मचारी श्रेणी | नुकसान (रु.) |
---|---|
चतुर्थ श्रेणी | 2,480 से 3,500 |
तृतीय श्रेणी | 3,120 से 5,500 |
द्वितीय श्रेणी अधिकारी | 8,976 से 13,000 |
प्रथम श्रेणी अधिकारी | 19,696 से 25,000 |
निचले वर्ग के कर्मचारियों पर इस देरी का असर सबसे अधिक हुआ है, क्योंकि उनकी मासिक आय पहले से ही कम है।
कर्मचारी संगठनों की मांग
कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलकर निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
- तत्काल एरियर भुगतान:
- 31 दिसंबर 2024 से पहले सभी कर्मचारियों को एरियर की राशि मिले।
- स्थायी समाधान:
- भविष्य में ऐसी देरी से बचने के लिए एक स्थायी तंत्र तैयार किया जाए।
पिछला अनुभव और भविष्य की योजना
- यह पहली बार नहीं है कि एरियर के भुगतान में देरी हुई हो।
- पिछली बार जुलाई में भी भुगतान समय पर नहीं हुआ था।
- अब कर्मचारी संगठनों ने बाकी तीन किश्तों (जनवरी, फरवरी और मार्च 2025) के लिए पहले से सतर्कता बरतने की योजना बनाई है।
वित्त विभाग का पक्ष
वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:
- तकनीकी समस्याओं को जल्द ही हल किया जाएगा।
- विभाग इस मामले को प्राथमिकता दे रहा है, और जल्द ही सभी कर्मचारियों को बकाया राशि मिल जाएगी।
निष्कर्ष:
सरकार की इस देरी ने कर्मचारियों को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रभावित किया है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार जल्द कार्रवाई करेगी और भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाएगी।